अक्सर कई विद्वान चौमासे को लेकर आप तो चिंतित रहते ही है परंतु सारे समाज को कई बिंदुओं पर भ्रमित कर देते हैं। और आमजन पूछता रह जाता हैं कि क्या अब चार महीने के लिए शादियों का लॉक डाउन आरंभ हो रहा है? मान्यता है कि इस चतुर्मास में विष्णु भगवान क्षीर सागर में निद्रा में चले जाते हैं और पृथ्वी पर इस दौरान कोई भी धार्मिक एवं विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इसे श्री विष्णु शयनोत्सव भी कहा जाता है।
परंतु मुहूर्त चिंतामणि तथा पीयूषधारा जैसे ग्रंथों के अनुसार ,उत्तर भारत में, लोकमान्यता अनुसार विवाहादि के मुहूर्त स्वीकार किए गए हैं। अत: पहली जुलाई से लेकर 25 नवंबर तक विवाह बंद नहीं होंगे न ही कोई मांगलिक कार्य वर्जित होंगे। हां! केवल श्राद्ध, आश्विन ,कार्तिक तथा पौष महीनों के कुछ दिन छोड़ कर विवाह मुहूर्त प्रबल हैं। पहले ही कोरोना तथा लॉकडाउन के कारण जनसाधारण के अधिकांश कार्य रुके पड़े हैं इसी लिए हम यहां क्रियात्मक रुप से होने वाली धार्मिक परंपराओं के पौराणिक तथा आधुनिक संदर्भों का विवेचन कर रहे हैं।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:40 से 12:20 बजे के बीच होगा
यदि आपको किसी कारण विवाह का अनुकूल मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो आप शुभ दिनों में किसी रविवार को चुन सकते हैं और दिन में अभिजीत मुहूर्त में लगभग दोपहर 12 बजे के आसपास पाणिग्रहण संस्कार, आनंद कारज आदि संपन्न कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अभिजीत मुहूर्त दिन का सर्वाधिक शुभ मुहूर्त माना जाता है। सामान्यत: यह 40 मिनट का होता है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:40 से 12:20 बजे के बीच होगा। यदि अभिजीत मुहूर्त में पूजन कर कोई भी शुभ मनोकामना की जाए तो वह निश्चित रूप से पूरी होती है। नारदपुराण के अनुसार अभिजीत मुहूर्त यात्रा या शुभ काम के लिए घर से निकलने का शुभ काल होता है। अभिजीत मुहूर्त के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
-मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़।